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Buddha in a temple |
साफ तौर पर तस्वीर में दिख रहा है कि यह भगवान बुद्ध
का मंदिर है। हर धर्म के धार्मिक स्थल की बनावट और उसमें रखी जानेवाली चीजे
अलग-अलग होती है जो उस धर्म की विशेषताओं को इंगित करती हैं। तस्वीर में एक बौद्ध
पुजारी भी शांत मुद्रा में बैठे हुए हैं। वे ध्यान की मुद्रा में नहीं बल्कि बस
शांत है। धार्मिक स्थलों की एक खासियत होती है कि वहां जाने पर मन अपने आप शांत हो
जाता है। वहां की ऊर्जा ही अलग होती है।
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Memorial of Buddha |
किसी भी चीज का स्मारक हमें अपने इतिहास को याद
दिलाता है। हमारा वजूद किसके कारण है चाहे वह दैवी हो या इनसानी। दैवी या भगवान और
इनसान दोनों के स्मारक मिलते हैं। जिसे इनसान ही बनाता है। जिससे हमारी आनेवाली
पीढ़ी अपने इतिहास के बारे में जाने और उससे जुड़ी रहे। इस तस्वीर में भी भगवान
बुद्ध से संबंधित स्मारक है। यह स्मारक किसी बड़ी जगह पर बनी है। इस बात का पता इस
बात से ही चलता है कि इसे टीन से घेरा गया है जो कहीं-कहीं से टूट भी गया है। जब
भी हम किसी स्मारक को देखते हैं हमें यह जानने की इच्छा होती है कि उसके पीछे की
कहानी क्या है? क्योंकि
कोई भी स्मारक यूं ही नहीं बन जाता। खासतौर पर किसी इनसान से संबंधित स्मारक। इस
तस्वीर का रंग संयोजन काफी सकारात्मक है। स्मारक बिल्कुल सफेद रंग का है जिसका कुछ
अंश पीले रंग से रंगा गया है जो मन को शांति देता है।