Sunday 20 November 2016

Life is a journey

Life is a journey


इस तस्वीर को देखने के बाद एक ही गाना ज़हन में आता है- जिंदगी एक सफर है सुहाना, यहां कल क्या हो किसने जाना। कार की पिछली सीट से ली गई इस तस्वीर में पहाड़ी इलाके की सड़क और आसपास का जंगल दिखाई दे रहा है। जिंदगी भी एक सफर की तरह ही होती है जिसमें इनसान कई पड़ावों से होता हुआ अपनी मंजिल तक रास्ता तय करता है। सफर के दौरान खिड़की के बाहर देखते हुए व्यक्ति पूरे सफर का आनंद लेता है। गाने का पहला वाक्य कि जिंदगी एक सफर है सुहाना- इस बात में कोई दो राय नहीं है। लेकिन दूसरे वाक्य की यहां कल क्या हो किसने जाना- इस तस्वीर में सड़के के किनारे गहरी खाई है, जरा सा ध्यान हटा कि कुछ भी हो सकता है।



So many stop in a Journey


ये तस्वीर उसी सफर के दौरान गाड़ी को रोकर ली गई है। ऐसा हम सभी करते हैं। जब कभी हिल स्टेशन जाते हैं तो गाड़ी रोक-रोककर सफर को कैमरे में कैद करते चलते हैं। ये एक वाइट पिक्चर है जिसका पीछे शानदार ऊंचे-ऊंचे पेड़ दिखाई दे रहे हैं और आगे एक सड़क। इस तस्वीर को एंगल कुछ ऐसा कि इसमें प्रकृति के आगे मानव निर्मित वस्तु बौनी दिखाई दे रही है। यह वास्तविकता भी है कि प्रकृति के आगे हम बौने ही है। यह बात इस कार की नहीं है। हमारी बनाई सबसे ऊंची इमारत भी प्रकृति के कई चीजों के आगे बौनी है। जब भी हम कोई निर्माण करते हैं तो उसके कई पहलुओं की प्रेरणा हमें प्रकृति से ही मिलती है। चाहे हवाई जहाज बनाने की प्रेरणा हो या हैलिकॉटर बनाने की। इन सभी चीजों के निर्माण में प्रकृति ने हमारा बखूबी साथ दिया है।

Made by old Stones

Wall of Old stones

Wall of Old stones

मसूरी की इस जगह को देखते ही सबसे पहले हमें पत्थरों से बनी दिवारें नजर आती है। और एक रेलिंग बाउंड्री जो किसी को ऊपर जाने और नीचे आने की सुविधा के लिए बनाया गया है। ये टिले पर किसी पर घर है। मिट्टी को बहने और गिरने से बचाने के लिए उसे पत्थरों की ईटों से रोका गया है। पहले पत्थरों को ईटों के आकार का काटकर उससे ही घर बनाए जाते थे। वह मजबूत भी होते थे और पत्थर सुलभता से मिल भी जाते थे। राजस्थान के कई इलाकों में अभी इसी तरह से बने कई मकान मिल जाते हैं। तस्वीर में अधिकर ईटें ही नजर आ रही हैं। जिन पर समय ने काई बिछा दी है। काई की भी अपनी कहानी है जिसे पहनपने में कई बरस लग जाते हैं। जिन दीवारों और जगहों को रोजाना साफ किया जाता है वहां यह पनप नहीं पाती। क्योंकि इसको पनपने के लिए कम साफ सफाई और पानी या नमी की आवश्यकता होती है। काई के आधार पर ही यह पता लगाया जा सकता है कि उस जगह को किसी ने कितने दिन पहले साफ किया होगा। इन दिवारों में नीचे की दीवार में ज्यादा काई जबकि सबसे ऊपर की दीवार पर काई नहीं है। इस जगह पर रेलिंग का इस्तेमाल बच्चों को या किसी का संतुलन बिगड़ने की स्थिति में बचाने के लिए किया गया है। लेकिन इसके साथ ही सबसे पहले इसमें एक गेट लगाया गया है जिसमें ताला लगाने की सुविधा है। जिससे अवांछित चीजों को दूर रखा जा सके। 


Enter the Biggg Door made by Stones

Enter the Biggg Door made by Stones
ये तस्वीरें मसूरी के रिजॉट की है। फोटो को देखते ही सबसे पहले एक गेट दिखता है जो पुराने पत्थरों से बना है। जो वाकई में पुराना भी है। इसके डिजाइन और उपर लगी काई से इस बात की पुष्टि होती है। आज के समय में कई पुरानी जगहों को होटल या रिजॉट में तब्दील कर दिया गया है। जिससे लोगों को वह पुरानी फिलिंग आ सके।