हम जब भी ऊपर देखते हैं एक अनन्त आकाश दिखाई देता है। जिसकी कोई सीमा नहीं है। और शायद है भी वह हमारी पहुंच से काफी दूर है। हर व्यक्ति के ऊपर देखने का कारण अलग-अलग होता है। सचिन का जब भी शतक पूरा होता था वह ऊपर देख भगवान का शुक्रिया अदा करते थे। मुझे बचपन में हमेशा यही लगता था कि भगवान ऊपर ही कहीं रहते हैं। और मैं उड़ पाया तो वहां तक पहुंच जाऊंगा। खुला आसमान हमेशा उम्मीदों का प्रतिनिधि करता है।
इन तस्वीरों में खुला आसमान, पहाड़ियां, बादल और उनसे छन कर आती हुई रौशनी दिखाई दे रही है। इस तरह का दृश्य किसी के भी मन को मोहने के लिए काफी है। इन तस्वीरों में रौशनी छन कर आ रही है वह दैवीय प्रतीत हो रही हो। और उस रौशनी में नीचे का नजारा और भी सुन्दर दिखाई पड़ रहा है।