अपना घर होना सभी का सपना होता है और भारत में तो एक
आम इनसान अपनी जिंदगी में दो ही काम कर पाता है। एक घर बनाना और दूसरा बच्चों की
शादी। यह दो काम करने में ही पूरी जिंदगी बीत जाती है। इन तीनों तस्वीरों में टूटे
घरों को दिखाया गया है। निश्चित रूप से जब यह नए होंगे और इनमें लोग रहते होंगे तो
इनकी स्थिति इससे काफी अलग होगी। लेकिन हर चीज अपना समय होतानए ठिकाने ढूढ़ लेती है।
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We are dying under Blue Sky |
अपना घर होना सभी का सपना होता है और भारत में तो एक
आम इनसान अपनी जिंदगी में दो ही काम कर पाता है। एक घर बनाना और दूसरा बच्चों की
शादी। यह दो काम करने में ही पूरी जिंदगी बीत जाती है। इन तीनों तस्वीरों में टूटे
घरों को दिखाया गया है। निश्चित रूप से जब यह नए होंगे और इनमें लोग रहते होंगे तो
इनकी स्थिति इससे काफी अलग होगी। लेकिन हर चीज अपना समय होता है। समय बीतने के बाद
हर वस्तु नए ठिकाने ढूढ़ लेती है।
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I'm front Wall |
दूसरी तस्वीर में भी दो चीजे प्रमुखता से दिखाई दे
रही है। पहली एक टूटे घर का आगे का हिस्सा और दूसरा नीला आकाश। नीला आकाश हमेशा
किसी भी फोटो में नई जान फूंक देता है। टूटे घर में दरवाजे और खिड़कियां दिखाई दे
रही हैं। और ठीक उसके बगल में थोड़ा सा नए घर का कोना भी फोटो में आ गया है। टूटे घर
की आगे की दिवार जर्जर होने के बावजूद अभी खड़ी है। जैसे वह पीछे की पूरी तरह से
गिर चुकी इमारत की सच्चाई को छुपा रही हो। दिवारे यही करती है। चीजों की गोपनीयता
बनाए रखती है।
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Darkness inside Broken outside |
तीसरी तस्वीर में टूटे घर का एक खुला दरवाजा और एक
पत्थरों से बंद दरवाजा और ऊपर दो टूटी खिड़कियां है। खुले दरवाजे के अंदर रौशनी
बिल्कुल नहीं है। आमतौर पर जब किसी घर में लोग रहते हैं तो दरवाजा बंद और अंदर
रौशनी होती है। लेकिन यहां विपरीत है। दरवाजा खुला और अंदर अंधेरा। कोई भी जर्जर
इमारत नकारात्मक सोचने की धकेल देती है। यह केवल इमारत पर ही लागू नहीं होता।
मनुष्यों पर भी लागू होता है। हर व्यक्ति जानता है कि उसको एक न दिन इस दुनिया को
अलविदा कहना है। फिर भी अधिकतर लोग शायद मृत्यु को सहजता से नहीं ले पाते।
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