Saturday 26 November 2016

Gods Home

Stand Alone

Me and my fellows

                       Stand with my last breath


मंदिर या धर्मस्थल जहां लोगों की आस्था बसती है कि इस जगह ईश्वर का वास है और उसके दर्शन मात्र से ही सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। इन तस्वीरों में मंदिर के गुबंद दिखाई दे रहे हैं। मंदिरों के गुंबद आमतौर पर ऊंचे और लंबे ही होते हैं। गोलाकार गुंबद मस्जिद और गुरुद्वारे में देखे जाते हैं। मुझे इसके पीछे कहानी नहीं पता कि ऐसा क्यों है लेकिन इसके पीछे जरूर कोई न कोई कहानी या आस्था या विज्ञान कार्य करता है कि किस इमारत का रूपरेखा क्या होना चाहिए। पहली तस्वीर में जिसमें केवल एक मंदिर का गुबंद दिखाई दे रहा है इसकी छटा ही निराली है। क्योंकि इसके आसापस ऊंचे-ऊंचे पेड़ है। जैसे यह मंदिर की रखवाली कर रहे हैं। इस तस्वीर में एक व्यक्ति मंदिर के पास खड़ा है पता नहीं वह पुजारी है या कोई आस्थावान व्यक्ति जो अपनी मन्नत पूरी करवाने की गुजारिश लिए वहां खड़ा है। दूसरी तस्वीर में एक बड़ा गुबंद और कई छोटे-छोटे गुबंद दिखाई दे रहे हैं। इनके आकार से ही इनके महत्व का आकलन किया जा सकता है। तस्वीर से ही साफ झलकता है कि मंदिर के आसपास काफी पेड़-पौधे हैं जो मन को शांत करने के लिए काफी हैं। तीसरी तस्वीर में गुबंदों के साथ ही एक पेड़ दिखाई दे रहा है जो काफी लंबा है और उस पर पत्तियां नहीं है। शायद वह सूख गया है। जो इस दुनिया में आया है उसे एक दिन इसे छोड़ कर जाना ही है। चाहे वह ईश्वर की शरण में ही क्यों न हो। शायद यह पेड़ यही बताने की कोशिश कर रहा है।