Friday 30 December 2016

Reality of Life



इस तस्वीर में अरुणाचल प्रदेश के एक गांव की एक झोपड़ी है। यह झोपड़ी यूपी, बिहार या मैदानी इलाके की झोपड़ी से काफी अलग है। इसको जमीन से ऊपर उठाने के लिए नीचे लकड़ियों से बेसमेंट बनाया गया है। इस झोपड़ी और उसमें रहने वालों की सुरक्षा के लिए जरूरी भी है। बारिश के पानी और कीड़ों को दूर रखने के लिए जरूरी है। देखने में लगता है कि कितना मजा आता होगा यहां रहने में। लेकिन वास्तविकता शायद इससे अलग हो। इस तस्वीर के कोने में डिश एंटिना दिखाई दे रहा है। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि यहां केबल चैनल आते हैं और इस घर में टीवी है। भले ही ऊपर से यह आधुनिक न लगे पर अंदर इसमें सुख-सुविधा की सारी चीजें होने की पूरी उम्मीद है। 



एक पड़े की हरी पत्तियां और उसमें लगा फल। इस बात का मुझे कोई आइडिया नहीं है कि यह किस पेड़ की पत्तियां है और इसमें लगा यह फल कौन सा है। हरियाली हमेशा नजरों को अच्छी लगती है। 


पहाड़, जंगल, बादल और आसमान के साथ एक सूखा पेड़।इतनी सुंदरता के बीच जीवन की सच्चाई लिए के पेड़। जो आपको ये बताना चाहता है कि कोई सर्वादा के लिए नहीं है। एक दिन सबको मेरी तरह हो जाना है। 



Wednesday 28 December 2016

Harmony between River and Mountain



नदिया बहे-बहे रे धारा...................... तुझे चलना होगा......तुझे चलना होगा। यह गाना नदि का उदाहरण देते हुए मनुष्य को जीवन हमेशा चलते रहने के लिए प्रेरणा देता है। नदी मानव जीवन के लिए भी काफी जरूरी है। इसके बिना जीवन की कल्पना थोड़ी मुश्किल हो जाती है। पुरानी सभ्यताओं को गौर करें तो वह सभी नदियों के किनारे पर ही बसी थी। चाहे वह नील नदी के किनारे मिश्र की सभ्यता हो या सिंधु नदी के किनारे सिंधु घाटी की सभ्यता। 


नदियों के किनारे मनुष्य का बसना काफी आसान होता है। इससे कई तरह की समस्याएं आसान हो जाती हैं। जैसे पीने का पानी, खेतों की सिंचाई, मवेशियों के लिए पानी, आने जाने में आसानी और खाने के लिए मछलियां भी प्रयाप्त मात्रा में मिलती है। इसके अलावा नदियों के पास प्राकृतिक रूप से हरियाली रहती है तो पेड़ पौधों से मनुष्य को काफी कुछ मिल जाता है। 




इन चित्रों में आप आसानी से देख सकते हैं कि नदी के किनारे ही एक गांव बसा हुआ है। यह पूर्वोत्तर भारत का इलाका है। यहां पहाड़ नदियों का ऐसा संगम दिखाई देता है। देखा जाए तो पर्यटन के लिहाज से यह इलाका भी काफी सम्पन्न है।