प्रकृति ने अपने गर्भ में क्या-क्या छिपा रखा है उन
सभी को देखना एक व्यक्ति के बस की बात नहीं है। क्योंकि प्रकृति के गर्भ में
क्या-क्या छिपा है वह हमें खुद ही नहीं पता। बस समय-समय पर नई-नई चीजें निकलती
रहती है। अभी हाल ही में एक रिपोर्ट में लिखा था कि करीब 75 प्रतिशत भारतीय कहीं
भी घूमने नहीं जाते। क्या वह घूमना नहीं चाहते? मुझे नहीं लगता। हर व्यक्ति की परिस्थिति शायद ऐसी
नहीं होती कि वह कहीं घूमने जा सके।
आमतौर पर हम वैसी जगह घूमने जाते हैं जो हमारे
वर्तमान वातावरण से अलग हो। या उस जगह की कोई ऐतिहासिक महत्ता हो। जैसे जो व्यक्ति
हमेशा बर्फ के आसपास रहता हो वह कभी भी बर्फ वाली जगह पर घूमने नहीं जाना चाहेगा।
वह शायद डेजर्ट सफारी करना पसंद करे। या किसी ऐतिहासिक जगह पर जाना पसंद करे। भारत
के परिप्रेक्ष्य में कहे तो शायद ताज महल देखे या जयपुर का किला आदि।
लेकिन इसके विपरीत अगर व्यक्ति मैदानी इलाके है वैसे भी भारत का ज्यादातर हिस्सा मैदानी इलाका ही है, तो वह पहाड़ देखना पसंद करेगा, बर्फ में खेलना चाहेगा। उसके गोले से पीटना और पिटना चाहेगा। इन तस्वीरों में पहाड़ है, नीला आसमान है और एक तस्वीर में बर्फीली पहाड़िया भी है। इन जगहों पर आमतौर पर ज्यादातर भारत घूमना पसंद करता है। क्योंकि उसने ज्यादातर मैदान ही देखा होता है। पहाड़ों से टकराते बादल उसने कभी नहीं देखे होते।
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