Sunday 1 January 2017

Farmers Reap Rice



इनसान या मनुष्य या किसी भी जीवित प्राणी व पौधे के लिए जीवित रहने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। इसके बिना वह सर्वाइव नहीं कर सकता। ऊर्जा हर किसी को अलग-अलग तरह से मिलती है। मनुष्यों के लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा श्रोत  खाना है। हर देश और उस देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न प्रकार के खाद्य वस्तु मिलती है। भारत में ही हर राज्य के अपने लोकप्रिय खाद्य पदार्थ हैं। 




जहां पंजाब में अधिकर रोटी खाई जाती है वहीं बंगाल में चावल की प्राथमिकता है। मैंने खाद्य पदार्थ पर इतना लंबा वक्तव्य इसलिए दिया क्योंकि इन तस्वीरों में धान की खेती हो रही है जिससे आगे चलकर चावल बनता है। जिन्होंने खेती की होगी उसको इस बात का पता होगा कि गेंहू के मुकाबले चावल को उगाने में ज्यादा मेहनत लगती है। 




पहले धान के बीज को एक छोटे में हिस्से में उगाया जाता है फिर उसे उखाड़कर दूसरे खेत में रोपा जाता है। इन तस्वीरों में धान की कटाई हो रही है। मैं चूंकि बिहार में रहा हूं तो वहां इस तरह कटाई नहीं होती। लेकिन परिस्थिति के मुताबिक ही हर जगह धान की कटाई होती है। इन तस्वीरों से साफ पता चल रहा है कि केवल धान के सिरे को काटकर उसे टोकरी में अलग कर लिया जा रहा है। 






अरुणाचल प्रदेश के इन लोगों की तस्वीरों से साफ पता चलता है कि खेती में कितनी मेहनत लगती है। चूंकि खेत की मिट्टी गीली है तो मेहनत दुगुनी हो जाती है। बावजूद इसके इनके चेहरों में खुशी है फसल के पकने की। जैसे कोई बच्चा पैदा होता है तो उसकी मां को खुशी होती है ठीक उसी तरह जब किसान फसल को काटता है तो उसको भी कुछ वैसा ही अनुभव होता है। क्योंकि किसी भी फसल को बोने से उसे काटने की उसकी काफी देखभाल करनी पड़ती है।

No comments:

Post a Comment